पुराण विषय अनुक्रमणिका PURAANIC SUBJECT INDEX (Shamku - Shtheevana) Radha Gupta, Suman Agarwal & Vipin Kumar
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आश्विन कृष्ण प्रतिपदा- यह तिथि नाना-नानी के श्राद्ध के लिए उत्तम मानी गई है। आश्विन कृष्ण पंचमी- इस तिथि में परिवार के उन पितरों का श्राद्ध करना चाहिए जिनकी अविवाहित अवस्था में ही मृत्यु हुई हो। आश्विन कृष्ण नवमी- यह तिथि माता एवं परिवार की अन्य महिलाओं के श्राद्ध के लिए उत्तम मानी गई है। एकादशी व द्वादशी- आश्विन कृष्ण एकादशी व द्वादशी को उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिन्होंने संन्यास ले लिया हो। आश्विन कृष्ण चतुर्दशी- इस तिथि को उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी अकाल मृत्यु हुई हो। आश्विन कृष्ण अमावस्या- इस तिथि को सर्व पितृ अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है। टिप्पणी : अग्नि पुराण ११७.५० के अनुसार प्रतिपदा को श्राद्ध से बहु धन, द्वितीया को स्त्रियां, चतुर्थी को धर्मकामद, पञ्चमी को पुत्रकाम, षष्ठी को श्रैष्ठ्यभाग, सप्तमी को कृषिभागी, नवमी को एकशफ, दशमी को गोगण, एकादशी को परिवारी, द्वादशी को धनधान्य, त्रयोदशी को ज्ञातिश्रैष्ठ्य, चतुर्दशी को शस्त्र से मृतों का, अमावास्या को सबका श्राद्ध किया जाता है।
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